एक साल में 629 पाकिस्तानी लड़कियां शादी के नाम पर चीन नागरिकों को बेच दी गईं। यह आंकड़ा आधिकारिक तौर पर पुलिस और गृह मंत्रालय के पास फाइलों में दर्ज है। लेकिन, इमरान सरकार चीन के अहसानों तले इतनी दबी है कि वो आधिकारिक तौर पर कुछ कहना ही नहीं चाहती। पुलिस ने इन नकली शादियों और लड़कियों की खरीद-फरोख्त के खिलाफ मुहिम चलाई लेकिन सरकार के दबाव में इसे रोक दिया गया। न्यूज एजेंसी 'एपी' की रिपोर्ट में यह तथ्य उजागर हुए।
गिरफ्तारी और रिहाई का खेल
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के अति पिछड़े और गरीब तबकों की लड़कियों को स्थानीय दलालों के माध्यम से फंसाया जाता है। कुछ दस्तावेजों पर दस्तखत कराए जाते हैं। इनमें से कुछ तो नाबालिग होती हैं। 40 लाख से 1 करोड़ पाकिस्तानी रुपए में सौदा होता है। रकम का करीब 80 फीसदी हिस्सा बिचौलिए रख लेते हैं। लड़कियों को बहुत कम पैसा मिलता है। अक्टूबर में फर्जी निकाह करने वाले 31 चीनी नागरिकों के खिलाफ केस दर्ज हुआ। इन्हें गिरफ्तार भी किया गया। लेकिन, सरकारी दबाव में सबूत नष्ट किए गए। अफसरों को चुप रहने को कहा गया। नतीजतन सभी आरोपी बरी हो गए।
चीन का दबाव
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के गृह और विदेश मंत्रालय के अलावा पुलिस के आला अफसरों ने इस बारे में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। वहीं, चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसे मामले या लिस्ट की जानकारी ही नहीं है। दरअसल, इमरान सरकार और फौज चीन को नाराज नहीं करना चाहते। चीन ने पाकिस्तान को करोड़ों डॉलर कर्ज के तौर पर दिए हैं। सीपेक पर 75 करोड़ डॉलर खर्च होने हैं और यह राशि चीन खर्च कर रहा है। यही वजह है कि अधिकारियों पर इन मामलों को दबाने का दबाव डाला जाता है। चीनियों का शिकार बनने वाली ज्यादातर लड़कियां ईसाई समुदाय की हैं। कुछ लड़कियों को जिस्मफरोशी के लिए भी मजबूर किया गया।
सितंबर में इमरान खान को मामले की रिपोर्ट भी सौंपी गई थी
सितंबर में पाकिस्तान की केंद्रीय जांच एजेंसी ने चीनी नागरिकों द्वारा पाकिस्तानी लड़कियों से फर्जी शादी के मामलों पर एक सीक्रेट रिपोर्ट प्रधानमंत्री इमरान खान को सौंपी थी। इसकी एक कॉपी न्यूज एजेंसी ने जारी भी की है। इसमें 52 चीनी और उनके 20 पाकिस्तानी दलालों पर मुकदमों का जिक्र है। लेकिन, सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। सभी आरोपी बरी हो गए और चीनी नागरिक पाकिस्तान छोड़कर चले गए। एक मानवाधिकार संगठन ने मानव तस्करी पर रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक, पाकिस्तान ही नहीं म्यांमार, कंबोडिया, नेपाल, उत्तर कोरिया और वियतनाम की गरीब लड़कियों से भी चीनी नागरिक फर्जी शादियां करते हैं।